One Nation One Election Bill : संसद के शीतकालीन सत्र में राष्ट्र एक चुनाव विधेयक सरकार पेश करेगी. कुल 32 पार्टियां इसके समर्थन में हैं, जबकि 15 पार्टियों ने विरोध किया है, जबकि 15 पार्टियों ने कोई राय नहीं दी.
एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक पर देश की राजनीति गरम हो चुकी है. साल 2024 के मार्च महीने में ही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. बता दें एनडीए की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी 16 सितंबर को इसका समर्थन किया था. पीएम मोदी नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक राष्ट्र एक चुनाव लाने की बात की थी.
एक राष्ट्र एक चुनाव से क्या होगा बदलाव ?
एक राष्ट्र एक चुनाव के आ जाने के बाद 2029 तक लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों को एक साथ कराया जायेगा. राज्य विधान सभा चुनावों के होने के 100 दिनों के अंदर स्थानीय निकायों का चुनाव कराने का प्रावधान है. बता दें कि अभी तक राज्य लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव अलग- अलग हो रहा है. साथ ही स्थानीय निकायों का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कराया जाता है.
एक राष्ट्र एक चुनाव क्यों है जरूरी ?
एक राष्ट्र एक चुनाव से लोकसभा और राज्य विधानसभा के साथ स्थानीय निकायों का चुनाव एक साथ कराए जाने का प्रावधान है, ताकि देश के पैसे और समय का बचत हो सके. बता दें कि 1951 से 1967 लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन बाद में ये चुनाव अलग-अलग होने लगे.