जब भी कोई चुनाव होता है तो जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होती है. लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सीएम नीतीश कुमार ने 29 जून को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है.
इस बैठक को लेकर सबकी निगाहें नीतीश कुमार पर टिकी हुई हैं। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में ही यह बैठक होगी। दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के डिप्टी स्पीकर हॉल में सुबह 11.30 बजे से होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संपन्न हुए आम चुनाव के बाद की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होगी. इस बैठक में लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन, एनडीए सरकार में जदयू के शामिल होने, इस साल कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और पार्टी के विस्तार और राष्ट्रीय अध्यक्ष पद सहित कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संपन्न हुए आम चुनाव के बाद की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा होगी। लोकसभा चुनाव में जेडीयू को इस बार चार सीटों का नुकसान हुआ है. 2019 के मुकाबले एनडीए को कुल 9 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है. इसमें बीजेपी को 5 सीटों का नुकसान हुआ है.
छह महीने बाद हो रही जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
इस दफे छह महीने बाद जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है. इसके पहले 29 दिसम्बर 2023 को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी, जिसमें नीतीश कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया गया था. तब ललन सिंह ने यह कहते हुए अचानक पार्टी के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया था कि मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में ध्यान नहीं दे पा रहा हूं. जिसके बाद उनकी जगह खुद नीतीश कुमार ने पार्टी की कमान अपने हाथों में ले ली थी.
लोकसभा चुनाव-2024 में 16 में 12 सीटों पर जदयू की जीत हुई थी
आपको बता दें कि नीतीश कुमार के अध्यक्ष बनते ही बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ था और बिहार में महागठबंधन सरकार से जदयू ने अलग होकर फिर से एनडीए में जाने का फैसला लिया. नीतीश कुमार के इस निर्णय से इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लगा था. जिस विपक्षी एकता की नींव नीतीश कुमार ने पटना में रखी थी, नीतीश कुमार ने ही उससे अलग होने का फैसला ले लिया. नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव एनडीए के साथ लड़े हैं और 16 में से 12 सीटों पर जदयू की जीत हुई है.
मिशन-25 : विधानसभा चुनाव की रणनीति पर होगी चर्चा
दिल्ली में जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर मंथन होगा और बिहार विधानसभा चुनाव में अक्टूबर -नवंबर में होना है, इसे लेकर भी रणनीति बनेगी और राष्ट्रीय राजनीति में जदयू की क्या भूमिका होगी उस पर भी पार्टी के वरिष्ठ नेता चर्चा होगी. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चर्चा हो सकती है. राजनीतक हलके में चर्चा है कि नीतीश कुमार पार्टी के वरिष्ठ नेता में से किसी को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी सौंप सकते हैं या कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है. 29 जून को दिल्ली में बैठक में कई राज्यों में इस साल चुनाव पर भी चर्चा होगी. केंद्र में एनडीए की सरकार बनी है और जदयू उसमें शामिल हुआ है. जदयू के दो मंत्री ललन सिंह और रामनाथ ठाकुर हैं तो इन सब बिंदुओं पर भी चर्चा की जाएगी साथ ही पार्टी को कैसे विस्तार दिया जाए उसकी भी रणनीति तैयार होगी.
बिहार से बाहर जदयू का विस्तार बना चुनौती
बिहार में भले ही नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से सत्ता में है लेकिन ये भी सच है कि पार्टी का विस्तार बिहार से बाहर नहीं हो पाया है. नार्थ ईस्ट में भले थोड़ा मोड़ा अपनी उपस्थिति दर्ज किया भी वो भी समय के साथ ख़तम हो गया. अभी सम्पन्न लोकसभा चुनाव में जदयू बिहार से बाहर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन बीजेपी के दबाब में नहीं लड़ पाई. दिल्ली में जहाँ बिहार के लोगों के वोट से लोकसभा चुनाव में बीजेपी जीती और विधान सभा चुनाव में आप पार्टी जीतती रही है, पार्टी ने अपना कैंडिडेट खड़ा तक नहीं किया है. दिल्ली प्रदेश संगठन नाम मात्र का है. पार्टी मुख्यालय में पार्टी दफ्तर में पार्टी की गतिविधियां की जगह कोई अन्य काम किया जाता है. पार्टी में नेता का अभाव है. बिहार से बाहर विस्तार का काम शरद यादव के जिम्मे था, उनके बाद तो ये काम बंद है.