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देश में पहली बार UCC उत्तराखंड में लागू होगा। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी ने समान नागरिक संहिता बिल (UCC) को विधानसभा में पेश किया। अब बिल पर विधानसभा में चर्चा होगी.धामी ने कहा कि आज इंतजार खत्म हो रहा है और हम इसे आज राज्य विधानसभा के सामने पेश कर रहे हैं. यूनिफॉर्म सिविल कोड के संबंध में कानून पारित करने के लिए 5-8 फरवरी तक विधानसभा का चार-दिवसीय विशेष सत्र आहूत किया गया है.
यूसीसी का मसौदा तैयार करने वाली समिति की प्रमुख सिफारिशों में बहुविवाह और बाल विवाह पर पूर्ण प्रतिबंध, सभी धर्मों की लड़कियों के लिए विवाह योग्य समान आयु और तलाक के लिए समान आधार व प्रक्रियाएं शामिल होने की बात कही जा रही है. सूत्रों ने कहा कि आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि लड़कों और लड़कियों को समान विरासत का अधिकार होगा, विवाह का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा और लड़कियों के लिए विवाह योग्य आयु बढ़ाई जाएगी, ताकि वे शादी से पहले स्नातक तक की पढ़ाई कर सकें.
सोमवार को उत्तराखंड कैबिनेट ने सीएम धामी की अध्यक्षता में इस बिल को मंजूरी दी थी. कांग्रेस और मुस्लिम संगठन इस बिल के बिरोध में है. कांग्रेस का कहना है कि उत्तराखंड का इस्तेमाल प्रयोग के लिए हो रहा है.
बिल पेश होने से पहले सीएम धामी ने कहा कि लंबे समय से इसकी प्रतीक्षा थी. वहीं, मुस्लिम संगठन भी इस पर अपनी आपत्ति जता रहे हैं. विधानसभा के आस पास धारा-144 लगा दी गई है. बिल पेश होने से पहले सीएम धामी ने कहा कि लंबे समय से इसकी प्रतीक्षा थी.