दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए एक अक्टूबर से ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप (GRAP) को लागू कर दिया जाएगा. इसके तहत प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक रहेगी और इनका उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की आबोहवा बीते कई सालों से मौसम में बदलाव होने पर दूषित हो जाती है. आसमान में प्रदूषण (Pollutions) का काला गुब्बारा दिखने लगता है, जिसको देखते हुए दिल्ली एनसीआर में GRAP का गठन किया गया था. इस GRAP में चार चरण हैं, जिनको प्रदूषण की देखते हुए एक-एक कर लागू किया जाता है. ऐसे में सावधानी के तौर पर 1 अक्टूबर से GRAP को लागू करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
बता दें कि गुरुग्राम में GRAP नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. गुरुग्राम उपायुक्त के अनुसार GRAP को चार चरण में लागू किया जाएगा और इनमें अलग-अलग तरह के प्रतिबंध लागू रहेंगे. इस ग्रेप को वायु गुणवत्ता के आधार पर लागू किया जाएगा. जैसे-जैसे वायु गुणवत्ता का स्तर बढ़ता चला जाएगा यानी हवा खराब होगी वैसे ही पाबंदियां भी बढ़ती चली जाएंगी.
क्या है GRAP की पाबंदियां ?
GRAP के आदेशों के अनुसार पहला चरण एयर क्वालिटी इंडेक्स 201 से 300 के बीच- इस चरण में निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों के लिए जारी निर्देशों का पालन करना होगा.
दूसरा चरण एयर क्वालिटी इंडेक्स 301 से 400 के बीच -इसमें डीजल-जनरेटर पर पाबंदी रहेगी.
तीसरा चरण एयर क्वालिटी इंडेक्स 401 से 450 के बीच – इसमें निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.
चौथा और अंतिम चरण एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 से ज्यादा – इसमें लागू होय़गा GRAP का , जिसमें इन तमाम पाबंदियों के साथ-साथ कई और कड़ी पाबंदियां भी लगाई जाएगी.
दिल्ली: डॉ. निशा सिंह