PM VIKAS : यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी. विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना में 140 जातियों को शामिल किया गया है. विपक्ष की जाति आधारित जनगणना की मांग की काट के तौर पर बीजेपी ने इस योजना की शुरूआत करके ओबीसी वोटर्स को साधने का प्रयास किया है.
Loksabha Chunav 2024 :आज से शुरू हुए पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना को लोकसभा चुनाव की तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है. यह योजना पूरे भारत में शुरू हो गई है. लोकसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ देशभर में इंडिया गठबंधन के दल जाति जनगणना की मांग को लगातार उठा रहे हैं, जिसके पक्ष में भाजपा नहीं है. हालांकि भाजपा इस मांग को बेअसर करने की कोशिश करते हुए भाजपा को उम्मीद है कि वह विश्वकर्मा योजना के माध्यम से कारीगरों, शिल्पकारों अति पिछड़े समुदाय को लुभाकर ओबीसी पर पकड़ और मजबूत करेगी.
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में विश्वकर्मा योजना की घोषणा 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भी भाजपा की एक रणनीति दिखती है. इंडिया गठबंधन बनने के बाद भाजपा के सामने उत्तर भारत में बड़े ओबीसी नेताओं अखिलेश यादव, लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार और भूपेश बघेल बीजेपी के लिए अधिक शक्तिशाली चुनौती हो सकती है. इससे निपटने के लिए बीजेपी ने इस योजना की शुरूआत की है, ताकि लोहार, बढ़ई, नाई, बढ़ई, मोची, नाई, सुनार, कुम्हार, माली, मछुआरा, और धोबी जैसे कई छोटे लेकिन संख्यात्मक रूप से बड़े पिछड़े समूहों का समर्थन पार्टी को मिल सके. बता दें कि इन पिछड़ों की आबादी लगभग 30 फीसदी हो सकती है.
PM VIKAS योजना क्या है?
इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित प्रथा को सुदृढ़ बनाना और पोषित करना है. पीएम विश्वकर्मा में कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना है. विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना (PM VIKAS) पर वित्त वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक 13 हजार करोड़ रुपये खर्च आएगा. इस स्कीम से देशभर में करीब 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ मिलेगा. इस योजना के दो चरण हैं- पहले चरण के अंतर्गत कामगारों को 5 प्रतिशत की ब्याज दर से 1 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा, जबकि अगले चरण में यह राशि दो लाख रुपय कर दी जाएगी. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के अंतर्गत कारीगरों और शिल्पकारों को ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जाएगी. इस स्कीम के लागू होने के बाद देशभर में स्वरोजगार के अवसर में तेजी आएगी.
विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना में 140 जातियां शामिल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा साल 2023 के बजट में एक कल्याणकारी योजना विश्वकर्मा समुदाय के लिए लांच करने की घोषणा की गई थी. इस योजना का नाम सरकार ने पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना रखा हुआ है, जिसके अंतर्गत विश्वकर्मा समुदाय के तहत आने वाली तकरीबन 140 जातियों को कवर किया जाएगा. विश्वकर्मा समुदाय के अंतर्गत तकरीबन 140 के आसपास जातियां आती हैं, जो भारत के अलग-अलग इलाकों में निवास करती है. इस योजना के अंतर्गत इन समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को हुनर निखारने का मौका दिया जाएगा और तकनीकी सीखने में सहायता की जाएगी. साथ ही उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत अठारह पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया गया है, इनमें ये लोग शामिल हैं- बढ़ई, मोची, नाई, सुनार, कुम्हार, लोहार, माली, धोबी, राजमिस्त्री, दर्जी, नौका निर्माता, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाले, शस्त्रसाज, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर,पारंपरिक गुड़िया और खिलौना निर्माता.
डॉ. निशा सिंह