उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश भर के 70 पुरुष और 14 महिला कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित किया, जिन्होंने देश की ख्याति को दुनिया में फैलाया. उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि कि इस दुनिया में कम ही देश हैं, जिनकी संस्कृति 500-700 साल से ज्यादा पुरानी है, लेकिन भारत की संस्कृति पांच हजार साल पुरानी है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को कला के विभिन्न क्षेत्रों के 84 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी अमृत अवार्ड्स से सम्मानित किया. आपको बता दें कि यह सम्मान 75 साल से ज्यादा के कलाकारों को दिया गया, जिन्हें आज तक कोई राष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला है. समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार है कि इन कलाकारों की कला को पहचान मिली है. इन कलाकारों के लिए 75 सालों में कुछ नहीं किया गया, लेकिन इनका सम्मान भारतीय संस्कृति का सम्मान है. उपराष्ट्रपति ने ये भी कहा कि दुनिया में कम ही देश हैं, जिनकी संस्कृति 500-700 साल से ज्यादा पुरानी हो, लेकिन भारत की संस्कृति पांच हजार साल पुरानी है. ऐसे में हमें इन कलाकारों का सम्मान करना चाहिए, उन्हें सुरक्षा देनी चाहिए और उनकी देखभाल करनी चाहिए. सम्मान पाने वाले 84 कलाकारों में 70 पुरुष और 14 महिलाएं हैं.
इन राज्यों के कलाकारों को मिला सम्मान
सम्मानित कलाकारों में बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के चार-चार कलाकार और असम, राजस्थान के पांच-पांच कलाकार हैं. साथ ही सम्मानित कलाकारों में तीन कलाकार आंध्र प्रदेश, दो अरुणाचल प्रदेश, छह महाराष्ट्र, तीन उत्तर प्रदेश और गुजरात, दो पंजाब और दिल्ली के कलाकार शामिल हैं. इसके अलावा जम्मू कश्मीर के कृष्ण लांगू, गोवा के जॉन क्लेरो फर्नांडेज, झारखंड के महाबीर नायक, लद्दाख के सेरिंग स्टेनजिन शामिल हैं. सम्मान के तहत कलाकारों को एक लाख रुपये, एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्र दिया गया. अवार्ड समारोह के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और केंद्रीय राज्य संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी भी मौजूद रहीं. इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि इन कलाकारों को बहुत पहले सम्मान मिल जाना चाहिए था. देश चांद पर पहुंच गया, दुनिया में इसकी तारीफ हो रही है, लेकिन कुछ लोगों को यह तरक्की पच नहीं रही है.
विशेष संवाददाता