Bihar News : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज एक दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं. मधुबनी और अररिया में रैली करेंगे. गृहमंत्री आज सबसे पहले मधुबनी के झंझारपुर में ललित-कर्पूरी स्टेडियम में बीजेपी की ओर से आयोजित रैली को संबोधित करेंगे. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह का एक साल में यह छठा दौरा है. बीजेपी की मिथिलांचल की 5 लोकसभा सीटों पर नजर है.
गृहमंत्री अमित शाह बिहार के मधुबनी और अररिया में रैली करेंगे. उत्तर बिहार के ये जिले बीजेपी के लिए बहुत ही जरूरी है. बीजेपी की नजर मिथिलांचल की 5 लोकसभा सीटों पर है. रैली के बाद लगभग 2.30 बजे गृहमंत्री अररिया जिले के जोगबनी जाएंगे. यहाँ से नेपाल बॉर्डर लगता है जोगबनी में एंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पर नवनिर्मित आवासीय भवनों का उद्घाटन करेंगे. साथ ही यहीं से वे एसएसबी के बथनाहा में नवनिर्मित आवासीय भवनों का भी वर्चुअली उद्घाटन करेंगे.
एक वर्ष में अमित शाह का छठा बिहार दौरा
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह का एक वर्ष में यह छठा दौरा है. पिछले साल सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद 23-24 सितंबर को उन्होंने सीमांचल के पूर्णिया से चुनावी रैली का आगाज किया था. इस दौरान उन्होंने बॉर्डर के इलाके किशनगंज में एक दिन का प्रवास भी किया था. इसके बाद 11 अक्टूबर 2022 को जेपी की जयंती पर अमित शाह सारण के सिताबदियारा पहुंचे थे. स्वामी सहजानंद की जयंती पर केंद्रीय गृहमंत्री ने 25 फरवरी 2023 को वाल्मीकिनगर में सभा को संबोधित किया था, जबकि 2 अप्रैल 2023 को अमित शाह सम्राट अशोक की जयंती पर नवादा पहुंचे थे. 29 जून 2023 को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र लखीसराय से अमित शाह ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा था.
मिथिलांचल के 5 लोकसभा सीटों को साधेंगे शाह
गृहमंत्री अमित शाह की इस रैली से बीजेपी मिथिलांचल की 5 लोकसभा सीटें झंझारपुर, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल और मधेपुरा को साधेगी. इन 5 में से तीन सीटें झंझारपुर, सुपौल और मधेपुरा फिलहाल जेडीयू के पास है. जबकि दरभंगा और मधुबनी में बीजेपी के सांसद हैं. इसके साथ ही झंझारपुर की रैली का असर मिथिलांचल के 30 विधानसभा सीटों पर भी पड़ेगा. ये इलाका बाढ़ से हर साल तबाह होता है.
BJP का सामाजिक समीकरण पर ध्यान
लोकसभा चुनाव 2024 बीजेपी बिहार में राजद और जनता दल यूनाइटेड के महागठबंधन को हराने के लिए सामाजिक समीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसमें ‘अगड़ी’ जातियों के साथ-साथ ज्यादातर पिछड़े समुदाय शामिल हैं. BJP का मानना है कि उसकी जीत की राह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की JDU के जनाधार में सेंध लगाने पर निर्भर करती है. JDU को लंबे समय से गैर-यादव पिछड़ी जातियों और दलित समुदायों का व्यापक समर्थन हासिल है. बिहार की आबादी में कुशवाहा समुदाय की हिस्सेदारी सात से आठ प्रतिशत के करीब होने का अनुमान है, जो यादव समुदाय के बाद सर्वाधिक है. चुनावों में कुशवाहा समुदाय ने पारंपरिक रूप से नीतीश का समर्थन किया है. BJP ने कुशवाहा समुदाय से जुड़े सम्राट चौधरी को अपना प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर इस समुदाय के लोगों को लुभाने की हर संभव कोशिश करने की अपनी मंशा जाहिर कर दी है.
पिछड़ी जातियों को अपने पाला में लाने में जुटी बीजेपी
बिहार में पिछड़ी जातियों का झुकाव पारंपरिक रूप से समाजवादी विचारधारा वाली ‘मंडल’ पार्टियों की तरफ रहा है. BJP आगामी चुनावों में इस चलन को बदलने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. 2014 लोकसभा चुनाव की तरह ही, 2024 में भी BJP के बिहार में अपेक्षाकृत छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन कर मुख्यत: अपने दम पर चुनाव लड़ने की संभावना है. हालांकि, 2014 के विपरीत 2024 में राजद और JDU और कांग्रेस महागठबंधन से सीधा मुकाबला है. वाम दलों और कांग्रेस के भी उनके गठबंधन का हिस्सा होने की संभावना है. आपको बता दें कि 2014 के आम चुनाव में BJP नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 31 पर जीत दर्ज की थी और लगभग 39 प्रतिशत वोट हासिल किए थे. 2024 लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी अपने सहयोगी दलों को लेकर चुनाव मैदान में उतर रही है.
डॉ. निशा सिंह