RSS Meeting in Pune : स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक 14 सितंबर को पुणे में प्रारम्भ हुई. बैठक में 36 संगठनों के प्रमुख 267 पदाधिकारी भाग ले रहे हैं. इस बैठक में वर्तमान राष्ट्रीय, आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, सेवा, सहित सनातन धर्म की रक्षा प्रमुख मुद्दा रहेगा.
आरएसएस की अखिल भारतीय समन्वय बैठक आज यानी 14 सितंबर को पुणे में शुरू हुई. बैठक का शुभारंभ सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन करके किया. इस बैठक में 36 संगठनों के प्रमुख 267 पदाधिकारी भाग ले रहे हैं, जिनमें लगभग 30 बहनें भी शामिल हैं. इस तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, अरूण कुमार, मुकुंदा और रामदत्त चक्रधर, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भय्याजी जोशी, सुरेश सोनी, भागैय्या, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका माननीय शांतक्का, प्रमुख कार्यवाहिका अन्नदानम सीताक्का, महिला समन्वय से चन्दाताई, स्त्री शक्ति की अध्यक्षा शैलजा, राष्ट्रीय सेवा भारती की महामंत्री रेणु पाठक, वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष रामचन्द्र खराड़ी, विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष राजशरण शाही, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, भारतीय किसान संघ के संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, विद्या भारती के अध्यक्ष रामकृष्ण राव, पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) विष्णुकान्त चतुर्वेदी, भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या, संस्कृत भारती के संगठन मंत्री दिनेश कामत आदि उपस्थित भाग ले रहे हैं. बैठक का समापन 16 सितम्बर शाम को होगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक आज प्रातः 9 बजे पुणे में प्रारम्भ हुई। बैठक का शुभारंभ पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी और माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी ने भारत माता के चित्र पर पुष्पार्चन करके किया। बैठक में 36 संगठनों के प्रमुख 267 पदाधिकारी भाग… pic.twitter.com/kjsLPXMsKi
— RSS (@RSSorg) September 14, 2023
क्यों है यह बैठक महत्वपूर्ण ?
स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब एक तरफ देश को जी-20 में वैश्विक स्तर पर अपनी संस्कृति और क्षमता को उभारने का अवसर मिला है. देश की क्षमता में वृद्धि हुई है, तो दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के दलों द्वारा सनातन धर्म पर प्रहार किया जा रहा है. लोकसभा चुनावों के पूर्व वोट बैंक की राजनीति शुरू से होती रही है, लेकिन सीधे सनातन धर्म की आलोचना करना और इसको क्षति पहुंचाने की मुहिम इस बार आरएसएस की मीटिंग का प्रमुख मुद्दा होगा. आरएसएस की इस मीटिंग में वर्तमान राष्ट्रीय व सामाजिक परिदृश्य, शिक्षा, सेवा, आर्थिक व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी. सामाजिक परिवर्तन के पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, स्वदेशी आचरण तथा नागरिक कर्तव्य के विषयों को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा होगी. इसके अलावा संगठन के विस्तार और विशेष प्रयोगों की जानकारी भी साझा की जाएगी.
डॉ. निशा सिंह