न्यूज डेस्क
पाकिस्तान की सेना के खिलाफ वहां की पुलिस ही नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियां और आम जनता ने भी मोर्चा खोल दिया है. हाल में गिलगित-बाल्टिस्तान, पीओके और कराची में विरोध प्रदर्शन हुए हैं. कराची में पाक सेना को झुकना पड़ा और अब अपने घर में घिरी पाक सेना फिर अपने छवि को सुधारने के लिए बेबस दिख रही है.
विरोध झेल रही पाक सेना सीमा पर भी तनाव बढ़ा सकती है ताकि अंदरूनी मामलों से लोगों का ध्यान भटका सके और बढ़ रहे दबाव से बच सके. ऐसे में पाक सेना एक बार फिर कश्मीर को लेकर प्रोपगंडा कर सकती है, साथ ही सीमा पर तनाव को बढ़ा सकती है.
सीमा पर आईएसआई अधिकारियों की तैनाती की गई है और आतंकी संगठनों के सरगना भी एलओसी के करीब फॉरवर्ड इलाकों में डेरा डाले हुए हैं ताकि किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया जा सके. वहीं बुधवार को पाक सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने का दौरा किया और जवानों से मुलाकात की.
पाक सेना की हर हरकत पर भारतीय सुरक्षा तंत्र की नज़र है और हर नापाक हरकत को नाकाम करने के लिए भारत तैयार है. दूसरी तरफ पेरिस में एफएटीएफ की बैठक भी जारी है जो कि पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों के आधार पर उसपर कार्रवाई कर सकता है. सूत्रों ने बताया कि पाक के ग्रे-लिस्ट में बने रहने की संभावना है, लेकिन पाक आर्मी को इसकी परवाह नहीं, क्योंकि पाक आर्मी अपनी जनता की परवाह नहीं करती है.