धनबाद जज उत्तम आनंद मर्डर केस; एक साल बाद राहुल वर्मा व लखन वर्मा दोषी करार, 6 अगस्त को सजा सुनायेगी अदालत

Dhanbad Judge Uttam Anand Murder Case : Special CBI court convicts both accused

धनबाद : शिवपूजन सिंह

धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद हत्याकांड में सीबीआई की विशेष अदालत ने राहुल वर्मा एवं लखन वर्मा दोषी करार दिया है. अब 6 अगस्त को अदालत सजा सुनायेगी. यह फैसला ठीक उसी तारीख 28 जुलाई को सुनाया गया है, जिस तारीख को एक साल पहले (2021) जज उत्तम आनंद की हत्या की गयी थी. यानी आज गुरूवार 28 जुलाई को उनकी पहली पुण्यतिथि भी है. आपको बता दें कि जज उत्तम आनंद की हत्या 28 जुलाई 2021 को की गयी थी. सीबीआई के विशेष न्यायधीश रजनीकांत पाठक ने इस मामले में फैसला सुनाया.

28 जुलाई 2021 को मॉर्निंग वॉक के दौरान ऑटो ने मारी थी टक्कर

बता दें कि आज से ठीक एक साल पहले 28 जुलाई 2021 को धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या हुई थी. घटना के दिन वे रणधीर वर्मा चौक के समीप मॉर्निंग वॉक कर रहे थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गयी थी. घटना के बाद ऑटो सवार भाग निकले थे, लेकिन धनबाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा को गिरिडीह से गिरफ्तार किया था और बाद में पुलिस ने एक अन्य आरोपी राहुल वर्मा को भी धनबाद स्टेशन के समीप से गिरफ्तार किया था. गौरतलब है कि शुरू में इसकी जांच जिला पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने जांच शुरू की थी. यह मामला उच्चतम न्यायालय भी पहुंचा था. इसके बाद हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी थी.

इस केस में 169 गवाहों में से 58 की गवाही हुई

सीबीआई ने 20 अक्तूबर 2021 को जेल में बंद ऑटो चालक लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. अदालत ने दोनों आरोपियों के विरुद्ध आरोप गठित कर केस की सुनवाई शुरू की थी. अभियोजन पक्ष की ओर से सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक अमित जिंदल ने 169 गवाहों में से 58 गवाहों की गवाही करायी थी. आपको बता दें कि हाईकोर्ट इस केस की मॉनिटरिंग कर रहा था. 28 जुलाई 2021 को धनबाद के जज उत्तम आनंद की की हत्या मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. हालांकि एसआईटी गठित कर मामले की जांच की जा रही थी, लेकिन राज्य सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की और केंद्र की अनुमति के बाद सीबीआई ने मामले को हैंड ओवर लेते हुए प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने भी जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सुनवाई करते हुए सीबीआई को निर्देश दिया था कि जांच का स्टेटस रिपोर्ट झारखंड हाईकोर्ट को सौंपे.

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