तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में पढ़ाई जाएगी प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा

न्यूज़ डेस्क

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ईकाई राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) ने भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रमों की अध्ययन सामग्री को लांच किया है। इस अध्ययन सामग्री का विमोचन केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा किया गया। इस स्टडी मैटेरियल में कक्षा 3, कक्षा 5 और कक्षा 8 के स्तरों पर कुल 15 नये कोर्सेस को शामिल किया गया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक के अनुसार एनआईओएस द्वारा तैयार भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित 15 पाठ्यक्रम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ही हिस्सा हैं। एनआईओएस भारतीय ज्ञान परंपरा अध्ययन सामग्री में वेद, योग, प्राचीन विज्ञान, व्यावसायिक कौशल, संस्कृत भाषा, रामायण, महाभारत और भगवत गीता को भी शामिल किया गया है।
एनआईओएस द्वारा लांच किये गये भारतीय ज्ञान परंपरा स्टडी मैटेरियल को लेकर एनआईओएस चेयरमैन सरोज शर्मा के अनुसार इन कोर्सेस को देश भर के 100 से अधिक मदरसों में भी पढ़ाया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक एनआईओएस ने इन कोर्सेस को 500 मदरसों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

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एनआईओएस के योग कोर्स में ही पतंजलि कृतासूत्र, योगसूत्र व्यायाम, आसन, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, आदि शामिल हैं। वहीं, दूसरी तरफ विज्ञान कोर्स में किसानी और वेद, जल, वायु, उत्पत्ति के सूत्र, पृथ्वी और प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं। एनआईओएस के सहायक निदेशक (एकैडमिक ) शोएब रजा के मुताबिक ये सभी पाठ्यक्रम सबके लिए उपलब्ध होंगे और छात्र इनका चुनाव कर पाएंगे। हालांकि, ये कोर्स अनिवार्य नहीं होंगे।
बता दें कि एनआईओएस विद्यालयी स्तर पर मुक्त शिक्षा का न सिर्फ देश का बल्कि पूरे विश्व का सबसे बड़ा संस्थान है। यह एक राष्ट्रीय बोर्ड है जो कि प्राइमरी, सेकेंड्री और सीनियर सेकेंड्री स्तर तक के कोर्स दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से आयोजित कराता है।

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